एआई सुपरकंप्यूटर में नवीनतम प्रगति: NVIDIA, Microsoft और डेनमार्क के प्रयास
1.एनवीडिया का DGX स्पार्क और DGX स्टेशन
एनवीडिया ने हाल ही में DGX स्पार्क और DGX स्टेशन नामक व्यक्तिगत एआई SUPERCOMPUTER का अनावरण किया है, जो NVIDIA Grace Blackwell प्लेटफॉर्म द्वारा संचालित हैं। ये सिस्टम डेवलपर्स, शोधकर्ताओं और डेटा वैज्ञानिकों को डेस्कटॉप पर ही बड़े एआई मॉडल्स को प्रोटोटाइप, फाइन-ट्यून और चलाने की सुविधा प्रदान करते हैं।
मुख्य विशेषताएँ:
- लोकल और क्लाउड दोनों मोड में काम करने की क्षमता।
- NVIDIA DGX क्लाउड या अन्य एक्सेलेरेटेड इंफ्रास्ट्रक्चर पर डिप्लॉय किया जा सकता है।
- डेस्कटॉप स्तर पर हाई-परफॉर्मेंस एआई कंप्यूटिंग।
2. माइक्रोसॉफ्ट और OpenAI का “स्टारगेट” प्रोजेक्ट-
माइक्रोसॉफ्ट और OpenAI मिलकर “स्टारगेट” नामक एक अत्याधुनिक एआई SUPERCOMPUTER विकसित कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य वर्तमान तकनीक से कहीं अधिक शक्तिशाली एआई सिस्टम बनाना है।
प्रमुख तथ्य:
- इस प्रोजेक्ट की लागत लगभग $100 बिलियन तक हो सकती है।
- 2028 तक यह सुपरकंप्यूटर कार्यरत हो सकता है।
- इसे चलाने के लिए 5 गीगावॉट बिजली की आवश्यकता होगी, जो कई छोटे शहरों की बिजली खपत के बराबर है।
3. डेनमार्क का जेफियन एआई सुपरकंप्यूटर-
डेनमार्क ने अपना पहला एआई SUPERCOMPUTER “जेफियन” लॉन्च किया है, जिसे Eviden कंपनी द्वारा बनाया गया है। यह SUPERCOMPUTER वैज्ञानिक अनुसंधान और जटिल समस्याओं के समाधान के लिए डिज़ाइन किया गया है।
एआई सुपरकंप्यूटर की नई दौड़ 2025: NVIDIA, Microsoft और डेनमार्क
महत्वपूर्ण जानकारी:
- यह दुनिया के Top 500 सुपरकंप्यूटरों की सूची में 21वें स्थान पर है।
- डेनमार्क ने नॉर्डिक क्षेत्र में क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में निवेश के माध्यम से अपनी तकनीकी उन्नति को साबित किया है।
अन्य देशों के सुपरकंप्यूटरों से तुलना-
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एआई सुपरकंप्यूटरों का महत्व: ये SUPERCOMPUTER जलवायु परिवर्तन, चिकित्सा अनुसंधान, क्वांटम कंप्यूटिंग और रोबोटिक्स जैसे क्षेत्रों में क्रांति ला रहे हैं। स्टारगेट जैसे सुपरकंप्यूटरों को चलाने के लिए भारी मात्रा में बिजली की आवश्यकता होती है, जिससे हरित ऊर्जा की मांग बढ़ रही है।
भारत और उसके पड़ोसी देशों में सुपरकंप्यूटर की स्थिति
भारत और उसके पड़ोसी देशों (चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका) ने हाल के वर्षों में सुपरकंप्यूटिंग क्षमता को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। आइए, इन देशों की वर्तमान स्थिति को विस्तार से समझते हैं।
1. भारत: सुपरकंप्यूटिंग में आत्मनिर्भरता की ओर
भारत ने नेशनल सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) के तहत अपनी क्षमताओं को मजबूत किया है और दुनिया के शीर्ष सुपरकंप्यूटिंग देशों में शामिल हो गया है।
प्रमुख सुपरकंप्यूटर और उनकी विशेषताएँ:
1.PARAM सीरीज:
- PARAM Siddhi-AI (TOP500 में 102वें स्थान पर) – 5.26 पेटाफ्लॉप्स की क्षमता।
- PARAM Ganga (IIT रुड़की) – 1.66 पेटाफ्लॉप्स।
2.मिहिर (Mihir):
- भारतीय मौसम विभाग (IMD) द्वारा उपयोग, जलवायु मॉडलिंग के लिए।
3.AI SUPERCOMPUTER “AIRAWAT”:
- भारत सरकार की AI रणनीति का हिस्सा, 10+ पेटाफ्लॉप्स क्षमता।
भारत की योजनाएँ:
- 2025 तक 50+ SUPERCOMPUTER बनाने का लक्ष्य।
- क्वांटम कंप्यूटिंग और एक्साफ्लॉप सुपरकंप्यूटर (1000+ पेटाफ्लॉप्स) पर शोध।
2. चीन: दुनिया का सबसे तेज़ सुपरकंप्यूटिंग नेता
चीन ने पिछले एक दशक में TOP500 सूची में अपना दबदबा बनाया है और अमेरिका के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहा है।
प्रमुख सुपरकंप्यूटर:
1.Sunway TaihuLight (2016-2018 में नंबर 1):
- 93 पेटाफ्लॉप्स क्षमता, चीन का पहला स्वदेशी SUPERCOMPUTER।
2.Tianhe-2A:
- 61.4 पेटाफ्लॉप्स, सैन्य और वैज्ञानिक अनुसंधान में उपयोग।
3.OceanLight (2023):
- दुनिया का पहला एक्साफ्लॉप (1,000+ पेटाफ्लॉप्स) सुपरकंप्यूटर।
चीन की रणनीति:
- 2030 तक AI और क्वांटम कंप्यूटिंग में वैश्विक नेतृत्व हासिल करना।
- अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद स्वदेशी चिप्स (जैसे Loongson) का विकास।
3. पाकिस्तान: सुपरकंप्यूटिंग में पिछड़ापन
पाकिस्तान अभी भी सुपरकंप्यूटिंग में काफी पीछे है और उसके पास TOP500 में कोई सुपरकंप्यूटर नहीं है।
मौजूदा स्थिति:
- HEC (हायर एजुकेशन कमीशन) द्वारा कुछ हाई-परफॉर्मेंस क्लस्टर चलाए जा रहे हैं।
- NRSP (नेशनल सुपरकंप्यूटिंग प्रोग्राम) की योजना, लेकिन धीमी प्रगति।
चुनौतियाँ:
- अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण हार्डवेयर खरीदने में दिक्कत।
- फंडिंग और तकनीकी विशेषज्ञता की कमी।
4. बांग्लादेश: धीमी लेकिन स्थिर प्रगति
- बांग्लादेश ने हाल ही में सुपरकंप्यूटिंग पर ध्यान देना शुरू किया है।
महत्वपूर्ण विकास:
- BDGRID (बांग्लादेश ग्रिड कंप्यूटिंग नेटवर्क) – शोधकर्ताओं के लिए कम्प्यूटेशनल सुविधा।
- “PARAM शक्ति” (भारत के सहयोग से) – 400+ टेराफ्लॉप्स क्षमता।
भविष्य की योजनाएँ:
- AI और डेटा साइंस के लिए सुपरकंप्यूटर स्थापित करना।
5. नेपाल और श्रीलंका: अभी प्रारंभिक चरण में
- नेपाल:
- कुछ HPC क्लस्टर विश्वविद्यालयों में उपलब्ध, लेकिन कोई बड़ा सुपरकंप्यूटर नहीं।
- श्रीलंका:
- University of Moratuwa में एक छोटा सुपरकंप्यूटर, लेकिन अभी बड़ी योजनाएँ नहीं।
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